Thursday, May 27, 2010

वन्दे मातरम्

इस नए ब्लॉग की शुरुआत बंकिमचन्द्र चटोपाध्याय की अमर कृति से कर रहा हूँ जो आज भी हमारे अन्दर एक नया  जोश भर देती है, ये रचना सर्वप्रथम १८८२ में आनंदमठ नामक पुस्तक में प्रकाशित हुई थी, इस रचना पर बहुत से विवाद भी हुए थे जैसे की ये हिंदुत्व वादी रचना है इत्यादि, लेकिन अंत में सभी विवादों से परे जाकर ये हमारा राष्ट्रीय गीत बन गयी!


वन्दे मातरम्
सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्
शस्यशामलां मातरम् ।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं
सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं
सुखदां वरदां मातरम् ।। १ ।। वन्दे मातरम् ।
कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले,
अबला केन मा एत बले ।
बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं मातरम् ।। २ ।। वन्दे मातरम् ।
तुमि विद्या, तुमि धर्म
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वं हि प्राणा: शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,
हृदये तुमि मा भक्ति,
तोमारई प्रतिमा गडि
मन्दिरे-मन्दिरे मातरम् ।। ३ ।। वन्दे मातरम् ।
त्वं हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी, नमामि त्वाम्
नमामि कमलां अमलां अतुलां
सुजलां सुफलां मातरम् ।। ४ ।। वन्दे मातरम् ।
श्यामलां सरलां सुस्मितां भूषितां
धरणीं भरणीं मातरम् ।। ५ ।। वन्दे मातरम् ।।

28 comments:

... said...

swagat he

Pramendra Pratap Singh said...

स्‍वागत है मित्र

Udan Tashtari said...

स ब्लॉग के साथ पुनः स्वागत एवं शुभकामनाएँ.

माधव( Madhav) said...

आप के नये ब्लॉग का हार्दिक स्वागत, अभिनन्दन....

Unknown said...

वन्देमातरम्

Unknown said...

आपका स्वागत है जी

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...

वन्दे मातरम् !
बधाई है राष्ट्रवादी विचारों को अंतर्जाल पर व्यापकता और विस्तार देने के प्रयासों के लिए !
संपर्क में रहिएगा , निरंतर ।
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं

Unknown said...
This comment has been removed by the author.
Ravish Tiwari (रविश तिवारी ) said...

वन्दे मातरम् !

ब्लॉग जगत में आप का हार्दिक स्वागत है|

Ravish,
http://alfaazspecial.blogspot.com

Ra said...

निलेश भाई ,,,,,दिल मिले हो तो,, ऐसा सयोंग{मेरी पोस्ट के बारे में } ,,,जरूर होता है ,,,,मेरे द्वारा आपके नए ब्लॉग का स्वागत हुआ ,,,,,ख़ुशी हुई ,,,,देशहित के लिए हर वक़्त हम सब आपके साथ है ,,,आपका नया ब्लॉग ,,,सफलता की नयी उंचाई को छुए ,,,ढेरों शुभकामाए,,,, इसी उम्मीद के साथ मैं -राजेन्द्र मीणा ,,जय हिंद ,,जय भारत ,,,वन्दे मातरम्

शिवम् मिश्रा said...

वन्दे मातरम् !
स्वागत है आपका ............आपने ही घर में !!

viveksharma(nalayak) said...

वन्दे मातरम् !
स्वागत है आपका!

nilesh mathur said...

वन्दे मातरम,
मुझे और मेरे ब्लॉग को अपना स्नेह प्रदान करने के लिए आप सभी का बहुत आभार!

Sarita said...

सुंदर ब्लाग। चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है। हिंदी ब्लागिंग को आप और ऊंचाई तक पहुंचाएं, यही कामना है।
http://gharkibaaten.blogspot.com

जीत भार्गव said...

वन्दे मातरम, बधाई है राष्ट्रवादी विचारों को अंतर्जाल पर व्यापकता और विस्तार देने के प्रयासों के लिए !
संपर्क में रहिएगा , निरंतर ।

संजय भास्‍कर said...

आप के नये ब्लॉग का हार्दिक स्वागत, अभिनन्दन....

संजय भास्‍कर said...

हिंदी ब्लागिंग को आप और ऊंचाई तक पहुंचाएं, यही कामना है।

आपका अख्तर खान अकेला said...

nilesh bhaai aadaab vndemaatrm ke liyen bdhaai bsab aapko or hemn iskaa maan smman rkhne ke liyen desh ko sone ki chidiyaa bnaane kaa spnaa saakaar krne ke pryaas tez krnaa he. akhtar khan akela kota rajastha mera hindi blog akhtarkhanakela.blogspot.com

Anamikaghatak said...

BLOG JAGAT ME AAPKA SWAGAT HAI

KAVI PRANAAM

Anonymous said...

सुस्वागतम ..............आपका प्रयास बहुत अच्छा है आपकी रचनायें भी बहुत अच्छी हैं....!

Anamikaghatak said...

कोटि-कोटि के बजाय 'सप्त कोटि' और 'द्विसप्त कोटि' होगा थिक कर ले

arvind said...

तुमि विद्या, तुमि धर्म
तुमि हृदि, तुमि मर्म
त्वं हि प्राणा: शरीरे
बाहुते तुमि मा शक्ति,

सुस्वागतम ..............

viveksharma(nalayak) said...

स्वागतम! वन्देमातरम!

दिवाकर मणि said...

ब्लॉगजगति भवतः हार्दं स्वागतम्‌....
===========
आभासी दुनिया में बंधुवर आपका स्वागत है...आशा है आगे सकारात्मक सोच के साथ लेखनी का स्वाद चखाते रहेंगे...

Unknown said...

सुस्वागतम !

दीपक 'मशाल' said...

नवीन ब्लॉग के साथ आपका स्वागत है नीलेश भाई.. पूत के पाँव पालने की तरह ही ब्लॉग की शुरुआत से ही हिन्दी ब्लॉगजगत को इसके शानदार सहयोग का भविष्य चित्र दिख रहा है.. आभार

अजय कुमार said...

हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

Unknown said...

janane janmbhomisc svrgadapi gareysi

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